दिल्ली के बवाना विधानसभा उपचुनाव, गोवा के पणजी व वालपोई और आंध्र प्रदेश के नंदयाल विधानसभा उपचुनाव की मतगणना सोमवार को होगी. देश की तीन राज्यों की इन चार विधानसभा सीटों में से दो पर सबकी निगाह टिकी हुई है. जहां एक ओर बवाना विधानसभा उपचुनाव राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है, तो दूसरी ओर पणजी विधानसभा उपचुनाव से गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की चुनावी तकदीर का फैसला होगा.
बवाना विधानसभा सीट से दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला है. तीनों दलों ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस विधानसभा सीट को जीतने के लिए जी जान लगा रखी है. चुनाव मैदान में आठ उम्मीदवार हैं, लेकिन मुकाबला आप, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. दिल्ली में मतदाताओं की दृष्टि से सबसे बड़े इस विधानसभा क्षेत्र में 23 अगस्त को मतदान हुआ था.
वैसे वोट प्रतिशत 45 फीसदी ही रहा, जबकि 2015 के चुनाव में इस सीट पर 61.83 फीसद मतदान हुआ था. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के पास 65 सीटें हैं, जबिक बीजेपी के पास चार सीटे हैं. कांग्रेस बवाना सीट जीतकर सदन में अपना खाता खोलने की आस लगाए हुए है. इस साल पहले हुए राजौरी गार्डन उपचुनाव में बीजेपी ने आप से यह सीट हथिया ली थी. तब कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी.
बीजेपी ने वेद प्रकाश हैं उम्मीदवार
बवाना उपचुनाव के लिए बीजेपी ने वेद प्रकाश को चुनाव मैदान में उतारा है, जो आप उम्मीदवार के तौर पर 2015 का विधानसभा चुनाव इस सीट से जीते थे, लेकिन उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और वह बीजेपी में शामिल हो गए. आप ने यहां से रामचंद्र को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने बवाना से तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र कुमार पर दांव लगाया है.
मनोहर पर्रिकर के चुनावी तकदीर का फैसला
गोवा की पणजी विधानसभा सीट से सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर चुनाव मैदान में हैं. पणजी के अलावा 23 अगस्त को वालपोई सीट पर भी उपचुनाव हुए थे. पर्रिकर बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार गिरीश चोडांकर और गोवा सुरक्षा मंच के प्रत्याशी आनंद शिरोडकर से है. वालपोई में बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री विजीत राणे कांग्रेस के रॉय नाइक के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. एक वरिष्ठ निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वोटों की गिनती यहां एंटरटेनमेंट सोसायटी ऑफ गोवा के परिसर में की जाएगी.
आठ बजे से शुरू होगी वोटों की गिनती
एक अधिकारी ने बताया कि मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगी और परिणाम तीन घंटे में आने की संभावना है. इनमें डाक से आए वोटों की गिनती पहले की जाएगी. पर्रिकर ने मार्च में रक्षामंत्री के पद से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री पद का भार संभाला था. जब उन्होंने पदभार संभाला था, तब वह विधायक नहीं थे और इसलिए उन्हें पद पर बने रहने के लिए छह महीने के भीतर सदन में चुनकर आना होगा.
पर्रिकर के सहयोगी ने छोड़ी थी सीट
पर्रिकर की पार्टी के सहयोगी सिद्धार्थ कुंकोलिएंकर ने उनके लिए यह सीट छोड़ दी थी, जो फरवरी में विधानसभा चुनावों में पणजी से चुने गए थे. राणे कांग्रेस की टिकट पर वालपोई से निर्वाचित हुए थे. बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ने के साथ ही विधायक के पद से भी इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए, जहां उन्हें मंत्री बना दिया गया था. पणजी और वालपोई में क्रमश: 70 प्रतिशत और 79.80 प्रतिशत मतदान हुआ था.