दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय ने आज कहा कि गाजीपुर में कचरा डालने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है और लैंडफिल साइट को दो साल के अंदर साफ किया जा सकता है। लैंडफिल साइट पर कचरे के ढेर का एक हिस्सा ढहने के एक दिन बाद बैजल ने आज स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक की। एक अनुमान के अनुसार कचरे का यह ढेर 15 मंजिल की इमारत के बराबर ऊंचा है। शुक्रवार को हुए हादसे में दो लोग मारे गए थे।
उपराज्यपाल ने वाहनों के सुगम आवागमन के लिए लैंडफिल से लगी सड़क पर यातायात को मोड़ने का निर्देश दिया है। उपराज्यपाल के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने उपराज्यपाल को आश्वासन दिया है कि वह सड़क निर्माण में इस्तेमाल के लिए नवंबर, 2017 से ठोस कचरे को उठाने, अलग करने तथा प्रसंस्कृत करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।’’ बयान के अनुसार प्रक्रिया की रफ्तार बढ़ा दी गयी है और दो साल के अंदर पूरा लैंडफिल साइट साफ कर दिया जाएगा।
लैंडफिल साइट का प्रबंधन करने वाली पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) जमा कचरे के निपटारे के लिए इसे तत्काल प्रभाव से किसी दूसरे स्थान पर भेजेगी। दिल्ली में दो दिन पहले मूसलाधार बारिश हुई थी जो पिछले तीन साल में हुई सबसे भारी बारिश थी। बारिश के कारण गाजीपुर में कचरे के ढेर का एक हिस्सा ढह कर एक कार तथा तीन दोपहिया वाहनों पर गिर गया जिससे वे सड़क से फिसलकर नहर में गिर गए। बैजल ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारवालों के प्रति संवेदना जताते हुए सभी एजेंसियों से इस तरह की आपात स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने तथा समन्वय रखने को कहा ताकि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा ना हों। बैठक में ईडीएमसी आयुक्त रणबीर सिंह, एनएचएआई के महाप्रबंधक राजीव वर्मा, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के प्रधान आयुक्त (भूमि) और लैंडफिल साइट प्रबंधन विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।