अखिल भारतीय व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल के प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देश में जी.एस.टी. लागू हुए एक साल होने के बावजूद भी जी.एस.टी. प्रणाली को सरल नहीं बना पाई है यहां तक की एक महीने में 10 बार जी.एस.टी. की नई-नई अधिसूचना जारी करने के बावजूद भी देश के व्यापारी व आम जनता को किसी प्रकार की राहत नहीं दी है। उल्टा टैक्सों में बढ़ोतरी करके आम जनता की जेबों में ढाका डाला है जिसके कारण सरकार को पहले से ज्यादा लाखों-करोड़ों रुपये का टैक्स प्राप्त हुआ है। यहां तक की जी.एस.टी. लागू करने से पहले केन्द्र सरकार ने घोषणा की थी एक देश एक टैक्स होगा और टैक्स की दरे अन्य देशों के मुकाबले कम होगी मगर एक टैक्स करने की बजाए 0, 3, 5, 12, 18, 28 प्रतिशत अनेकों प्रकार के टैक्स लगा दिये है और जिन वस्तुओं पर टैक्स नहीं था उन पर जी.एस.टी. लगा दिया तथा जिन वस्तुओं पर 5 व 12.5: प्रतिशत टैक्स था उन पर 18 व 28 प्रतिशत जी.एस.टी. लगाकर जनता की कमर तोड़ दी है देश में एक टैक्स होने की बजाए आज भी अलग-अलग राज्यों में पैट्रोल, डीजल, नेचुरल गैस, शराब, स्टाम्प शुल्क आदि की दरे अलग-अलग है। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग ने कहा कि जी.एस.टी. लागू होने पर केन्द्र सरकार ने सेस को समाप्त करने की घोषणा की थी समाप्ति की घोषणा करने के बावजूद भी सिगरेट, गुटखा, गाडिय़ों आदि पर आज भी सैस ले रही है। श्री गर्ग ने कहा की जी.एस.टी. प्रणाली को बहुत ज्यादा जटिल बनाने के कारण आम व्यापारी रिर्टन भरने व लेखा-जोखा रखने में व्यापारियों को बहुत भारी दिक्कत आ रही है राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग ने कहा केन्द्र व राज्यों की सरकारों को जनता से सिर्फ टैक्स वसूलना काम ना करके देश के व्यापारी व आम जनता को अच्छी सुविधा देना भी सरकार का धर्म व फर्ज बनता है मगर केन्द्र सरकार सुविधा देने की बजाए जी.एस.टी. में संशोधन के नाम पर सिर्फ नई-नई अधिसूचना जारी कर देती है, जबकि केन्द्र सरकार को जी.एस.टी. में पूरी तरह बदलाव की जरूत है। जिसमे सबसे पहले टैक्स की दरें, टैक्स फ्री के अलावा 5 प्रतिशत व अधिकतम 15 प्रतिशत करनी चाहिए। पैट्रोल व डीजल पर जो भारी भरकम टैक्स है उसे कम करके जी.एस.टी. के दायरे में लाया जाए। 25 लाख रूपये तक का माल बेचने वाले छोटे व्यापारियों को कर मुक्त किया जाए जो अब 10 लाख रूपये तक की छूट है वह बहुत थोड़ी है जी.एस.टी. को काफी जटिल बनाया गया है, उसमें पूरी तरह सलीकरण किया जाए ताकि आम व्यापारी आसानी से व्यापार कर सरकार को टैक्स देते हुए अपनी रिर्टन भर सके। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग ने कहा कि आज देश में व्यापारी दु:खी है ,और अफसर मालामाल हो रहे है। श्री गर्ग ने कहा कि जी.एस.टी. में सलीकरण करने के बाद व्यापारियों पर जो इन्सपैक्टरी राज हावी है उससे राहत मिलेगी और पहले से ज्यादा जो भ्रष्टाचार बढ़ा है, उससे व्यापारी व आम जनता को मुक्ति मिलेगी।