बैंकों के वित्त पोषण के लिए एटीएम की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की (आरबीआई) की योजना
नई दिल्ली। द कन्फैडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (आरबीआई) की उस अधिसूचना का स्वागत किया है, जिसमें एटीएम के लिए नियंत्रण उपायों को अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही संगठन ने बैंक के नाम पर ब्रांडेड सभी एटीएम के लिए बैंकों को सुरक्षा पर अतिरिक्त खर्च करने का प्रस्ताव भी रखा है। मुताबिक, हालिया अनुपालन-संबंधित निर्देश जैसे नकदी प्रबंधन/लॉजिस्टिक्स, कैसेट स्वैप इत्यादि के लिए बड़े पैमाने पर निवेश करना होगा और यह निवेश एटीएम मशीनों की लागत का 40 फीसदी तक हो सकता है।एटीएम इंडस्ट्री एसोसिएशन ने व्हाइट लेबल एटीएम (डब्लूएलए) या ऐसे एटीएम, जिनका स्वामित्व निजी ऑपरेटरों के पास है, न कि बैंक के पास, ऐसे मामलों को भी ध्यान मंे रखा है। इस तरह के एटीएम ऑपरेटरों को भविष्य में ऐसे बड़े निवेश करने में सक्षम बनाने के लिए मौजूदा विनिमय दर में वृद्धि की मांग की गई है। प्रवक्ता और बीटीआई पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ के. श्रीनिवास ने खुलासा करते हुए कहा, ‘‘व्हाइट लेबल एटीएम (डब्लूएलए) आज बहुत ही कमजोर व्यवहार्यता संरचना पर टिके हैं क्योंकि लेनदेन की लागत ऑपरेटर को प्राप्त होने वाले इंटरचेंज शुल्क के मुकाबले ज्यादा है। अनुपालन की लागत, विशेष रूप से डब्लूएलए के लिए, पहले से संकटग्रस्त ऑपरेटरों को और मुश्किलों में डाल सकती है।‘‘उन्होंनेे आगे कहा, ‘‘ऐसे ग्रामीण इलाकों में जहां एटीएम की संख्या बहुत कम है, वहां डब्लूएलए ऑपरेटर ही एटीएम तैनात करने वाली एकमात्र संस्था है। अनुपालन और नकद प्रबंधन की इस अतिरिक्त लागत के साथ, भविष्य में नए एटीएम खोलने में मुश्किलें आ सकती हैं जब तक कि प्राथमिकता के आधार पर इंटरचेंज शुल्क में वृद्धि न हो।‘‘ के डायरेक्टर जनरल ललित सिन्हा ने कहा, ‘‘देश में एटीएम विकास पहले से ही ठहरा हुआ है, जबकि पीएमजेडीवाई और अन्य सरकारी पहलों के माध्यम से कार्ड जारी करने का काम तेजी से संचालित किया जा रहा है। बैंक, विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तेजी से एटीएम बंद कर रहे हैं। इनके परिणामस्वरूप, एटीएम अनुपात में डेबिट कार्ड बढ़ गए हैं, जिसका अर्थ यह है कि पूरे देश में विशेष रूप से अर्द्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में इन नए कार्डधारकों को, सर्वव्यापी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए और अधिक एटीएम की आवश्यकता है। ऐसा निवेश कुल मिलाकर उद्योग के लिए बहुत अच्छा है, पर कार्ड जारीकर्ताओं द्वारा एटीएम के नियोक्ता को भुगतान किए गए इंटरचेंज शुल्क में वृद्धि के रूप में वित्त पोषित करने की आवश्यकता है, अन्यथा देश में आवश्यक एटीएम नेटवर्क के विस्तार में कमी का यह सिलसिला जारी रहेगा। आरबीआई को नए घोषित उपायों की अनुपालना को सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ने के दौरान बैंकों और एटीएम सेवा प्रदाताओं सहित सभी हितधारकों का ध्यान रखना चाहिए। द कन्फैडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री ;ब्।ज्डपद्ध एटीएम उद्योग से जुडे अग्रणी लोगों द्वारा गठित एक पंजीकृत गैर-लाभकारी व्यापार संगठन है जो भारत में आधुनिक एटीएम उद्योग के विकास के लिए अनुकूल माहौल तैयार करता है। ब्।ज्डप सरकारी नियामकों और वित्तीय संस्थानों के साथ संपर्क के संयुक्त और समेकित प्रयासों के माध्यम से एटीएम उद्योग के हितों को बढ़ावा देने और भारत में सभी बैंकों और उनके ग्राहकों की आवश्यकताओं पर ध्यान देने के लिए समर्पित है। एसोसिएशन का प्रयास है कि राष्ट्रीय स्तर पर एटीएम विकास, उपयोग और सुविधा को बढ़ावा देने के साथ-साथ सर्वोत्तम उद्योग प्रथाओं की वकालत की जा सके और एटीएम उद्योग में नवीनतम नवाचारों और प्रौद्योगिकियों को जोडा जा सके।