बाजारों से गायब है अधिकतर चीनी उत्पाद, ग्राहक सामान खरीदने से पहले पूछते है चाईनीज तो नहीं
फरीदाबाद। दीपावली को लेकर शहर के बाजारों में खरीदारी का दौर शुरू हो चुका है। चाइनीज आइटमों के कारोबारी इस समय काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि इस समय चाइनीज आइटम के प्रति लोगों में काफी नकारात्मक माहौल है। इसे देखते हुए कारोबार मंदा रहने की संभावना है।लोग दीपावली के लिए घरों को सजाने के लिए काफी खरीदारी कर रहे हैं। लोग यह तय कर चुके हैं कि वह किसी भी प्रकार से चीनी उत्पाद को नहीं खरीदेंगे। यहां तक कि चाइनीज डिजाइन दीये, आरती का सामान और बिजली के झालर की बिक्री नहीं हो रही है।
नहीं बिक रहा है चीनी माल
फरीदाबाद का सबसे पुराने बाजार बल्लभगढ़, एनआईटी एवं ओल्ड फरीदाबाद में चीनी उत्पादों की जमकर खरीद-फरोख्त होती थी। यहां पर हर प्रकार के चीनी उत्पाद आसानी से मिल जाते हैं। मगर पिछले कई माह से इनके प्रति लोगों की दिलचस्पी दिखाई नहीं दे रही है। कारोबारी महेश गोयल का कहना है कि वह थोड़ी सी चाइनीज झालरें लेकर आए थे जो अभी तक नहीं बिकी हैं। लोगो द्वारा स्वदेशी झालरों की मांग की जा रही है। यह थोड़ी महंगी जरूर है मगर खरीदा इसे ही जा रहा है। उनका कहना है कि चाइनीज आइटमों में 25 से 30 फीसद मार्जिन है, जबकि स्वदेशी झालरों की कीमत में पांच से सात प्रतिशत की ही बचत होती है। यही कारण है कि पिछली दीपावली की अपेक्षा इस बार धंधा मंदा रहने की संभावना है।
चाइनीज तो नहीं है
पिछली दीपावली पर चाइनीज डिजाइनर दीये का भारी क्रेज देखा था मगर इस बार ऐसा नहीं है। लोग मिट्टी के दीयों की सबसे अधिक खरीद कर रहे हैं। घरों को सजाने के लिए डेकोरेशन आइटम में भी चीनी उत्पादों का अच्छा खासा दखल था इस बार इसका स्थान देसी सामानों ने ले लिया है। कारोबारी मुकेश तोमर का कहना है कि चीनी उत्पाद इस दीपावली पर पूरी तरह से पिट गए हैं। हर ग्राहक कोई सामान लेने से पहले पूछ रहा है कि यह चाइनीज तो नहीं है।
युवा भी नहीं दिखा रहे चीनी उत्पादों में दिलचस्पी
शहर के युवा भी अब चीनी उत्पादों में कोई खास दिलचस्पी नहीं ले रहे है। भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद और आतंकवादी मुल्क पाकिस्तान की हिमायत करने वाले चीनी को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए अब युवाओं ने भी बीड़ा उठा लिया है। वह स्कूलों, कालेजों एवं गली-मोहल्लों में जनजागरुकता रैली एवं नाटक आदि के माध्यम से लोगों चीनी उत्पाद का बहिष्कार करने के प्रति जागरुक कर रहे है। गौरतलब है कि चीनी हर बार दिवाली के अवसर पर भारत से करोडों-अरबों रुपए का व्यापार करता था। चीनी उत्पादों में लोग दिलचस्पी भी लेते थे परंतु अब जनजागरुकता अभियान से लोगों ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का मन बना लिया है।