बैंकॉक। थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा सिंगापुर चली गई हैं। यह दावा उनके समर्थकों ने किया है। उनके देश से बाहर चले जाने की आशंका को देखते हुए पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया था। यिंगलक पर चावल सब्सिडी घोटाले में मामला दर्ज है।
इस मामले की अदालत में सुनवाई चल रही है और इस दौरान कोर्ट में पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया था। कोर्ट में यिंगलक के वकील ने उनकी खराब हालत का हवाला दिया था, लेकिन इसके दस्तावेज अदालत में पेश नहीं कराए थे।
इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 सितंबर को तय कर दी थी। इस बीच कोर्ट ने उनके विदेश चले जाने की आशंका को देखते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। इस मामले में उन्हें जेल की सजा हो सकती है। गौरतलब है कि साल 2014 में सैन्य तख्तापलट के जरिए यिंगलक की सरकार को हटा दिया गया था।
बताते चलें कि यदि चावल सब्सिडी में लापरवाही के मामले में उन्हें दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें 10 साल की जेल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही उन पर राजनीति में शामिल होने पर आजीवन प्रतिबंधित किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश चीप चुलामोन ने आशंका जताई कि वह देश छोड़कर जा सकती हैं।
कोर्ट में यिंगलक के पेश नहीं होने के बाद आशंका जताई जा रही थी कि वह आत्म निर्वासन में रह रहे अपने अरबपति भाई थाक्सिन शिनवात्रा के पास जा सकती हैं। यिंगलक के भाई थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थे और भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
इसके बाद वह साल 2008 में देश छोड़कर चले गए थे और फिर वापस नहीं लौटे। उनका थाईलैंड का पासपोर्ट भी निरस्त किया जा चुका है।