नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक कम्पनियों से विश्व में स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ की उपलब्धता के लिए भारतीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश का आह्वान किया है।
श्री मोदी ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की ओर से आज यहां आयोजित ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2017’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि दुनिया में लोग अपने रहन सहन , खानपान और जीवन शैली के कारण अनेक बीमारियों से शिकार हो रहे है लेकिन जैविक कृषि और इससे तैयार होने वाले उत्पादों से इससे प्रभावी ढ़ंग से निपटा जा सकता है । उन्होंने भारतीय हल्दी,अदरख और तुलसी की चर्चा करते हुए कहा भारतीय खाद्य उत्पाद से स्वास्थ्य सुरक्षा की जा सकती है ।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे तेज गति से बढती अर्थव्यवस्था है और इसने व्यापार के क्षेत्र में निवेश के लिए पहले की तुलना में नियमों को काफी सरल बनाया है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता दी जा रही है । वस्तु एवं सेवाकर की व्यवस्था लागू करके अनेक प्रकार के करों को समाप्त किया गया है तथा निवेश को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार अनेक सहूलियत दे रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि देश में कारोबार को आसान बनाने के लिए अनेक सुधार किये गये हैं और इस क्षेत्र में भारत ने 30 अंक की छलांग लगायी है और दुनिया के एक सौ देशों की सूची में शामिल हो गया है । उन्होंने निजी क्षेत्र ने अनेक क्षेत्र में निवेश की सराहना करते हुए कहा कि उसे अनुबंध कृषि और फसल तैयार होने के बाद होने वाले नुकसान प्रबंधन क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने की जरुरत है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोल्ड चेन , रेफ्रिजरेटेड ट्रांसपोर्टेशन , वैल्यू एडीशन और जैविक कृषि के क्षेत्र में विदेशी कम्पनियों को निवेश करने के अवसर हैं । उन्होंने किसानों को अन्नदाता बताते हुए कहा कि सरकार ने पांच साल में उनकी आय दोगुना करने का निश्चय किया है और इसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है ।
श्री मोदी ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश को बढावा देने के लिए सरकार ने 6000 करोड़ रुपये की लागत से प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना शुरु किया है जो राशि अगले तीन साल के दौरान खर्च की जायेगी । इससे 20 लाख किसानों को फयदा होगा और करीब पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा । उन्होंने कहा कि देश में नौ फूड पार्क में कामकाज शुरु हो गया है तथा 30 निर्माणाधीन है ।
श्री मोदी ने कहा कि कई राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आयी है लेकिन उन्हें जिला स्तर पर भी एक बेहतरीन खाद्य उत्पाद को चुनना चाहिए जिससे देश के लोग अवगत हो सकें ।

उन्होंने ‘स्वीट रिवोल्यूशन’ की चर्चा करते हुए कहा कि मधुमक्खी पालन से किसानों की आय बढायी जा सकती है। प्राकृतिक मोम का लाभ दुनिया के लोग ले सकते हैं । उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में बड़ा मत्स्य उत्पादक और निर्यातक देश है । यह दुनिया में झींगा का सबसे बड़ निर्यातक देश है जो 95 देशों को अपना लजीज स्वाद चखाता है । देश में छह प्रतिशत की दर से मत्स्य उत्पादन बढ़ रहा है। इससे बावजूद सजावटी मछली पालन और ट्राउट फार्मिंग के क्षेत्र में निवेश करने की जरुरत है ।
उन्होंने जैविक कृषि की चर्चा करते हुए कहा कि सिक्किम को जैविक राज्य घाेषित कर दिया गया है और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में जैविक कृषि की अपार संभावना है । उन्होंने कहा कि बाजरा की खेती विपरीत परिस्थितियों में भी की जाती है और यह पौष्टिकता से भरपूर है जिसका फायदा लेने की जरुरत है ।
श्री मोदी ने सहकारी संघवाद की चर्चा करते हुए कहा कि सहकारिता के माध्यम से भारत दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन गया है और ऐसा प्रयोग दूसरे क्षेत्रों में भी किया जा सकता है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस आयोजन को एक अवसर के रुप में देखते हैं और यह खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विभिन्न पक्षों को एक दूसरे से जुड़ने का अवसर देता है । देश से लम्बे समय से दुनियाभर में स्वादिष्ट मसालों का निर्यात किया जा रहा है तथा यूरोप तथा दक्षिण पूर्व एशिया के देशों ने इसका फायदा लिया है ।
केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमतरत कौर बादल ने इससे पूर्व कहा कि आज का दिन उनके मंत्रालय के लिए ऐतिहासिक है । वह खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में दुनिया की कम्पनियों से सहयोग की इच्छुक हैं और इस क्षेत्र की बेहतरीन प्रौद्योगिकी को पाना चाहती है ।
उन्होंने कहा कि देश में अगले पांच साल में खाद्य पदार्थो की मांग दोगुना हो जाने की उम्मीद है । उन्होंने कहा कि खानपान की वस्तुओं को नष्ट होने से बचाने के लिए ठोस पहल करने की जरुर है और इसके लिए आम लोगों के स्तर पर प्रयास किया जाना चाहिए ।
श्री मोदी ने इससे पूर्व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सूचनाओं की जानकारी देने के लिए ‘निवेश बन्धु’ पोर्टल , काफी टेबल बुक तथा खानपान से जुड़े डाक टिकट को जारी किया ।
इस आयोजन को अर्मेनिया के राष्ट्रपति , तथा डेनमार्क के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री , तथा इटली और जर्मनी के मंत्रियों ने भी संबोधित किया । इसमें दुनियाभर के लगभग 2500 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं । इसके अलावा अंतराष्ट्रीय स्तर की कम्पनियों के करीब 50 मुख्यकार्यकारी अधिकारी भी भग ले रहे हैं ।