देश में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व इस वर्ष 14 अगस्त मनाया जायेगा। भगवान श्री कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में यह पर्व मनाया जाता है। पुराणों के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अवतार लिया था। इस कारण इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा। इस त्योहार को भारत में हीं नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में पूरी आस्था, श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाते हैं। बताया जाता है कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में अत्याचारी मामा कंस के विनाश के लिए भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा में अवतार लिया था। इसलिए इस दिन मथुरा में काफी हर्षोउल्लास से जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों को सजाया जाता है और झांकियां के साथ रासलीला का आयोजन भी किया जाता है।
भगवान श्री कृष्ण ने मानव जाति को सुखमय और आनंदपूर्ण जीवन का सन्देश दिया था। कृष्ण भारतीय जीवन का आदर्श हैं और उनकी भक्ति मानव को उसके जीवन की पूर्णता की ओर ले जाती है। भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र मानव को धर्म, प्रेम, करुणा, ज्ञान, त्याग, साहस व कर्तव्य के प्रति प्रेरित करता है। उनकी भक्ति मानव को जीवन की पूर्णता की ओर ले जाती है। धर्म, सत्य व न्याय के पक्ष को स्थापित करने के लिए ही कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में पांडवों का साथ दिया। भगवान श्रीकृष्ण का जीवन मनुष्य जाति के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।
महाभारत काल में युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से आदर्श जीवन विषयक अनेक बातों की जानकारी ली थी और पूछा था कि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे इसके लिए क्या करना चाहिए। श्रीकृष्ण ने कहा कि जीवन में मधुरता और प्रेम के लिए जरूरी है कि हमारा मन शुद्ध हो और मानव कल्याण की भावना हो। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी चीजें है जिनका ध्यान रखने से कभी घर में दरिद्रता और गरीबी नहीं आती। जिस घर में इन चीजों का वाश होता है वहां कभी अँधेरी नहीं होता और दरिद्रता नजदीक नहीं आती। उन्होंने निम्न चीजों का घर में होना आवश्यक बताया। हमें अपना जीवन सुखमय बनाने के लिए इन बातों का ख्याल रखना होगा।
घी : प्रतिदिन घर के मंदिर में गाय के घी का दीप अर्पित करना और प्रसाद भोग लगाने से देवी-देवता कृपा बरसाते हैं। गाय के दूध से बना घी ही देवी- देवताओं को अर्पण किया जाना चाहिए।
पानी : अपने वॉश रूम में हमेशा एक बाल्टी पानी भर कर रखें। घर में मेहमान आने पर सबसे पहले उन्हें पानी दें ऐसा करने से अशुभ ग्रह शुभ होते हैं।
शहद : वास्तुनुसार घर में जो भी नकारात्मक ऊर्जा होती है वह शहद की पॉजिटिव एनर्जी से मिल कर समाप्त हो जाती है। जिससे परिवार के सभी सदस्यों को फायदा होता है इसलिए बहुत से घरों में इसे आवश्यक रूप से रखा जाता है। शहद को किसी साफ और सुरक्षित स्थान पर रखें। इससे घर में बरकत बनी रहेगी और फिजूल खर्चों में कमी आएगी।
चंदन : ज्योतिषाचार्य मानते हैं तिलक लगाने से ग्रहों को अपने अनुकुल बनाया जा सकता है और उन से श्रेष्ठ एवं शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है। चंदन तिलक को धारण करने का विशेष महत्व है। चंदन का तिलक शीतल होता है उसे धारण करने से पापों का नाश होता है। इसकी खुशबू से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
वीणा : विद्या, ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती के हाथों में सदा वीणा रहती है। पुराणों में मां सरस्वती को कमल पर बैठा दिखाया जाता है। कीचड़ में खिलने वाले कमल को कीचड़ स्पर्श नहीं कर पाता। इसीलिए कमल पर विराजमान मां सरस्वती हमें यह संदेश देना चाहती हैं कि हमें चाहे कितने ही दूषित वातावरण में रहना पड़े, परंतु हमें खुद को इस तरह बनाकर रखना चाहिए कि बुराई हम पर प्रभाव न डाल सके। घर में सदा देवी सरस्वती का रूप और वीणा रखें।
बाल मुकुन्द ओझा
वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार
क्.32, माॅडल टाउन, मालवीय नगर, जयपुर
मो.- 9414441218