फरीदाबाद। दीपावली के शुभ अवसर पर थैलासीमिया ग्रस्त बच्चो को माननीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जी के निमन्त्रण पर बच्चो को राष्ट्रपति भवन ले जाया गया। जैसा की पिछले काफी वर्षो से बच्चो को दिवाली के शुभ अवसर पर राष्ट्रपति भवन ही ले जाया जाता। बच्चो को पूरा साल इंतजार होता है की कब दिवाली आएगी व् वो देश के महा महिम राष्ट्रपति जी के साथ दिवाली मनाएंगे। सब से पहले बच्चो को राष्ट्रपति भवन में लजीज नाश्ता करवाया गया इस के बाद बच्चो को राष्ट्रपति भवन की सैर करवाई गयी। बच्चो को बताता गया की जब दूसरे देशो के राज्यअध्यक्ष राष्ट्रपति भवन आते है तो किस प्रकार उनका स्वागत किया जाता है किस प्रकार उनके भोज का प्रबन्ध किया जाता है। साथ ही बच्चो को बताया गया की किस प्रकार राष्ट्रपति जी द्वारा देश के सर्वोच्च सम्मान लोगो को दिए जाते है व् कोनसी जगह पर ये सब होता है उनको दिखाया गया। इन सब को सुन व् देख बच्चे बहुत ही रोमांचित थे। अब बारी थी बच्चो को राष्ट्रपति जी से मिलवाने की। बच्चो ने राष्ट्रपति जी को बुके दे कर अपने प्यार का इजहार किया। राष्ट्रपति जी को फाउंडेशन अगेंस्ट थैलासीमिया के महा सचिव रविंदर डुडेजा ने बताया की वो किस प्रकार पिछले बीस सालो से अपने साथियो के साथ मिल कर ग्रस्त बच्चो की सहायता कर रहे है जिसके लिए पुरे समाज का उनको सहयोग मिल रहा है। साथ ही महा माहिम जी को बताया गया की संस्था थैलासीमिया की जागरूकता के बारे में एक बहुत बड़ा अभियान चलने जा रही है एक रैम्पवॉक शो का आयोजन किया जायेगा जहा प्रसिद्ध हस्तिया भाग लेगी। जिसका मार्गदर्शन मदन चावला जी करेंगे।जिसके लिए उन्होंने शुभकामनाये दी। राष्ट्रपति जी से प्रार्थना की गयी की लोगो को थैलासीमिया के बारे में अधिक से अधिक जानकारी सरकार के माध्यम से दी जाये ताकि ऐसे बच्चे पैदा न हो। बच्चो ने महा माहिम जी के साथ संस्था के पदाधिकारियो व् बच्चो ने फोटो खिंचवाए। बच्चो ने कहा की यह अवसर उनके लिए एक यादगार रहेगा जो उन्हें जीवन भर याद रहेगा। संस्था का हमेशा ही एक उदेश्ये रहा है की बच्चो को स्वस्थ तो रखा जाये उनका खुश भी रखा जाये। ये सब उसी कड़ी का हिस्सा था। संस्था द्वारा की जा रही गति विधिया का महा माहिम जी खूब सराहा। अंत में एक बार फिर से बच्चो के लिए जलपान की व्यवस्था की गयी थी जिसका बच्चो ने लुत्फ उठाया। संस्था की तरफ से महा महिमा से मिलने रविंदर डुडेजा , बी दास बतरा , जे के भाटिया , अंजलि, आदिति, कृतिका गए थे।