नई दिल्ली। शुक्रवार को लोकसभा में होने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और वोटिंग को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर चुका है। दरअसल सरकार को बैकफुट पर लाने के लिए विपक्ष की मंशा बीजेपी को एनडीए से अलग करने की है।
भले ही विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पर्याप्त संख्याबल न हो, लेकिन विपक्षी नेताओं ने भूमिका बांधनी शुरू कर दी है कि संख्या उनके पास नहीं है लेकिन सत्य उनके साथ है।
तृणमूल कांग्रेस सांसद दिनेश त्रिवेदी ने बातचीत में कहा है, कि यह आम जनता की भावना है, क्योंकि मोदी सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है. जो वायदे इन्होंने जनता से किए उसे पूरा नहीं किया. जहां तक संख्याबल की बात है तो ये न भूलें कि कौरवों के पास कितनी बड़ी सेना थी जिनके सामने संख्या के लिहाज से पांडव तुच्छ थे। मगर आखिर में जीत पांडवों की हुई. क्योंकि सत्य उनके साथ था। आज सत्य हमारे साथ है, जनता हमारे साथ है।
त्रिवेदी कहते हैं कि महाभारत हर वक्त, हर काल में हो रही होती है। शुक्रवार अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कोई लहूलुहान नहीं होगा,लेकिन सबका चरित्र जनता के सामने आएगा। संख्या में आप (मोदी सरकार) भले जीत जाए, लेकिन लोगों का दिल नहीं जीत सकते।
वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने भी कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस किसी महाभारत से कम नहीं है। बीजेपी के पास संख्या भले हो लेकिन उनके साथ जनता है।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पार्टी के महाधिवेशन में कहा था कि 2019 का चुनाव महाभारत के युद्ध से कम नहीं होगा। राहुल पहले भी बीजेपी को कौरव और कांग्रेस को पांडव कह चुके हैं। बहरहाल अविश्वास प्रस्ताव की लड़ाई आगामी लोकसभा चुनावों में पक्ष और विपक्ष की रणनीतिक तौयारियों और नैरेटिव सेट करने लिहाज से अहम है, इसीलिए बीजेपी की रामकथा के जवाब में विपक्ष महाभारत का महाकाव्य गढ़ रहा है।