दिल्ली। भारतीय रेलवे में सहायक लोको पायलट/टेक्नीशियन के 26,502 पदों के लिए 9 अगस्त से परीक्षाएं होने वाली है। 47 लाख से ज़्यादा छात्रों ने पाँच पाँच सौ रुपये जमा करके इन परीक्षाओं के लिए आवेदन किया है। फॉर्म की कीमत तो ₹100 ही है लेकिन रेलवे ने प्रति अभ्यर्थी फिलहाल ₹400 अतिरिक्त धनराशि लिया है। मतलब कि जो छात्र किसी भी कारण से फॉर्म भरकर परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे सरकार उनके ₹400 रख लेगी।
अब सुनिए असल समस्या जिस कारण से परीक्षार्थियों में हाहाकार मचा हुआ है। जैसे ही इन परीक्षाओं के प्रवेश पत्र मिलने शुरू हुए तो पता चला कि कई छात्रों को हज़ार से दो हज़ार किलोमीटर दूर तक परीक्षा केंद्र दिए गए हैं। कटिहार के छात्र को मोहाली जाने कह दिया गया। सिवान के छात्र का परीक्षा केंद्र चेन्नई दे दिया गया। ऐसे कई अभ्यर्थी हैं जिनको सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र दे दिया गया है। ये परीक्षाएं ऑनलाईन माध्यम से होने हैं। ऐसे में देश के बेरोज़गार युवाओं को हज़ारों रुपये खर्च करके इतनी दूर जाने को विवश करने का क्या मतलब है? कई छात्रों को सूचना अवधि कम मिलने के कारण ट्रेन की टिकट भी नहीं मिल पा रही है। स्पष्ट है कि इस तरह की नीतियों के कारण काफी छात्र परीक्षाओं में नहीं बैठ पाएंगे। सालों से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों में इस कारण काफी रोष और तनाव है। यदि आपको ग़रीब छात्रों को सरकारी नौकरी के अवसर नहीं देने थे तो सीधे तौर पर बाहर कर देते। ये ऐसा खेल क्यूँ मंत्री जी? आपसे हमारा निवेदन है कि कृपया करके इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करें वरना युवाओं का बड़ा वर्ग रोज़गार के एक महत्वपूर्ण अवसर से वंचित रह जाएगा।