
फरीदाबाद। आज वल्र्ड स्ट्रोक डे के अवसर पर मेट्रो अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलोजिस्ट डा. रोहित गुप्ता ने कहा कि स्ट्रोक मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा आम कारण है। यह भारत में वयस्क विकलांगता का प्रमुख कारण है। पिछले कुछ दशकों में विकसित देशों के मुकाबले जहां स्ट्रोक का प्रसार घटा गया है, भारत में स्ट्रोक का बोझ बढ़ते ही जा रहा है। भारत में स्ट्रोक के प्रसार के बढऩे के कुछ कारण है, जैसे धूम्रपान, बढ़ती उम्र और शहरीकरण द्वारा लाइफ स्टाईल में बदलाव। लोगों में स्ट्रोक के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए मेट्रो अस्पताल में डा. रोहित द्वारा फेसबुक का लाईव सेशन भी किया, जिसमें कई मरीजों में अपने प्रश्र पूछे। डब्ल्यूएचओ ने पाया कि भारत में स्ट्रोक के बोझ का हाईपरटेंशन, धूम्रपान, बढ़ता लिपिक स्तर और डायबिटिज कुछ महत्वूपर्ण कारण है। तीव्र स्ट्रोक/लकवाग्रस्त रोगियों के लिए थ्रोम्बोलाईसिस इंजेक्शन एक नई तकनीक है। मेट्रो अस्पताल नियमित रुप से मस्तिष्क में धमनियों की रूकावट के उपचार के लिए थ्रोम्बोलाईसिस तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। मैट्रो अस्पताल में थ्रोम्बोलाईसिस तकनीक द्वारा अब तक करीब 300 से अधिक मरीजों को ठीक किया जा चुका है। इसके लिए कोई उम्र की समय सीमा नहीं है। मेट्रो अस्पताल के डायरेक्ट एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल के अनुसार थ्रोम्बोलाइसिस की यह तकनीक लकवा होने के 4-5 घण्टे तक की जा सकती है। तीव्र स्ट्रोक/लकवाग्रस्त होने पर मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंच जाना चाहिए क्योंकि जल्दी उपचार मिलने पर इसके अच्छे परिणाम की प्राप्ति 100 प्रतिशत हो सकती है। डा. रोहित गुप्ता ने कहा कि थ्रोम्बोलाईसिस चिकित्सा के उपयोग व जागरुकता पर जोर देने की जरुरत है। विंडो पीरियड का महत्व, थ्रोम्बोलाइसिस चिकित्सा का लाभ, स्ट्रोक के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इस अवसर पर मैट्रो अस्पताल के डायरेक्टर एवं वरिष्ठ हृदय रोग विषेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल का कहना है कि मैट्रो अस्पताल नई-नई तकनीक के माध्यम से लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत है और आने वाले समय में भी अस्पताल नई-नई तकनीकों के माध्यम से लोगों को बहेतर चिकित्सा सेवाएं देने के लिए कार्य करता रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा की जागरूकता, समय रहते बिमारियों से बचाव एवं अनुशासिक जीवन प्रणाली एक बेहद कारगर उपाय है, इन सभी गंभीर बिमारियों से बचने के संदर्भ में मैट्रो अस्पताल, फरीदाबाद जानकारी के विभिन्न उपायों को करते रहते है।