नई दिल्ली। प्राथमिक जांच में पुख्ता सबूत मिलने के बाद सीबीआई ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर शिकंजा कस दिया है। स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान 1.62 करोड़ रुपए की आय से अधिक संपत्ति बनाने के आरोप में जांच एजेंसी ने सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी और चार अन्य सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही उनके घर व अन्य जगहों की तलाशी भी ली।
आयकर विभाग पहले से ही बेनामी संपत्ति कानून के तहत सत्येंद्र जैन की करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति की जांच कर रहा है। दरअसल, सीबीआई ने आयकर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ही सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत प्रारंभिक जांच शुरू की थी।
11 अप्रैल को दर्ज प्रारंभिक जांच के केस में सत्येंद्र जैन पर 2015-16 के दौरान मुखौटा (शेल) कंपनियों के मार्फत 4.63 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था। सीबीआई ने जब इसकी गहराई से पड़ताल की तो पता चला कि सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों में 1.62 करोड़ रुपए की काली कमाई उनके दिल्ली का मंत्री बनने के बाद आई है।
जाहिर है यह उनकी घोषित आय से अधिक थी। मंत्री रहते हुए बनाई गई ये संपत्ति भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अपराध की श्रेणी में आती हैं। इसके बाद सीबीआई अधिकारियों ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस करने का फैसला किया।
एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान इन परिसंपत्तियों के बारे में सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी से विस्तार से पूछताछ की गई थी। लेकिन, वे इसके बारे में संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे।
सत्येंद्र जैन यही बताते रहे कि चुनाव लड़ने के पहले उन्होंने इन कंपनियों के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन, जांच से साफ हुआ कि मंत्री रहते हुए इन कंपनियों में उनकी एक तिहाई हिस्सेदारी थी। यही नहीं, उनके इस्तीफे के बाद इन कंपनियों में उनकी पत्नी या अन्य नजदीकी रिश्तेदार निदेशक बन गए थे।
सबसे बड़ी बात यह है कि करोड़ों रुपए की कमाई करने वाली ये कंपनियां कोई भी कारोबार नहीं करतीं। बल्कि कोलकाता स्थित मुखौटा कंपनियों के मार्फत इनमें पैसे आए थे। जैन के खिलाफ मंत्री बनने के पहले कालेधन को सफेद करने के मामले की जांच आयकर विभाग कर रहा है।
उसके अनुसार इससे जैन की नियंत्रण वाली कंपनियों ने दिल्ली में 200 बीघा से अधिक कृषि भूमि खरीदी। ये जमीन अवैध कॉलोनियों के पास खरीदी गईं ताकि इनके नियमित होने पर इस जमीन को ऊंची कीमत पर बेचा जा सके। जमीन खरीद पंजीकरण के कागजों पर भी जैन की तस्वीर लगी है।