फरीदाबाद। 32वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में इस बार नई 100 वाटर तथा फायर प्रूफ हट्स बनाई जा रही हैं। इन मॉडर्न हट्स में विदेशी हस्तशिल्पी अपने स्टाल लगाएंगे। सूरजकुंड मेला प्राधिकरण का प्रयास है कि धीरे-धीरे सभी हट्स को आधुनिक सिस्टम से ही तैयार किया जाए, ताकि बरसात होने या फिर आग लगने की स्थिति में ये हट्स सुरक्षित रहें और किसी भी तरह से कोई सामान नष्ट न हो। वर्तमान में सूरजकुंड मेला परिसर में 1010 हट्स हैं। इनमें 50 स्थायी हैं यानी वाटर तथा फायर प्रूफ हैं, जबकि अन्य अस्थायी रूप से बनाई जाती हैं। ये हट्स पुआल से तैयार की जाती हैं। मेला प्राधिकरण की ओर से सूरजकुंड मेला की तैयारियों को लेकर 13 नवंबर को राजधानी दिल्ली के पर्यटन भवन में हुई बैठक में तय किया गया कि धीरे-धीरे सभी हट्स को वाटर तथा फायर प्रूफ बनाया जाएगा। इसी कड़ी में इस बार 2 फरवरी 2018 से शुरू होने वाले सूरजकुंड मेले के लिए 100 हट्स को स्थायी रूप से बनाया जा रहा है। अब तक 51 हट्स स्थायी यानी वाटर और फायर प्रूफ हैं। इस तरह अब नए वर्ष में लगने वाले मेले के लिए 151 वाटर व फायर प्रूफ हट्स होंगी। बता दें कि पिछले वर्षों में बारिश के चलते कई बार हस्त शिल्पियों का महंगा सामान खराब होता रहा है। मेला प्राधिकरण को शिल्पियों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी। इस वर्ष 1 फरवरी से 15 फरवरी तक लगे सूरजकुंड मेले में विदेशियों के 79 स्टाल थे। अब फरवरी, 18 में लगने वाले मेले में 15-20 विदेशी स्टाल बढ़ेंगे। मेला प्राधिकरण की ओर से उस क्षेत्र में विदेशियों को स्टाल दिए जाएंगे, जहां वाटर और फायर प्रूफ हट्स होंगी। सूरजकुंड मेला के नोडल अधिकारी राजेश जून का कहना है कि धीरे-धीरे सभी हट्स को स्थायी किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि हट्स के साथ फूड कोर्ट को भी फायर व वाटर प्रूफ किया जाए।