राजधानी की सफाई व्यवस्था सोमवार से चरमरा सकती है। अपनी मांगों को लेकर पटना नगर निगम के करीब 3800 नियमित और दैनिक सफाईकर्मी काम नहीं करेंगे। पटना नगर निगम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के आह्वान पर ये हड़ताल पर रहेंगे। चारों अंचल मुख्यालयों पर धरना देंगे। संघ के महासचिव नंदकिशोर दास ने कहा कि निगम प्रशासन कर्मियों की हित की अनदेखी कर रहा है। कई बार मांगों को लेकर संघ और निगम प्रशासन के बीच वार्ता हुई पर हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला।
हड़ताल अवैध, वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे :
प्रभारी नगर आयुक्त संजय दुबे ने कहा कि हड़ताल पूरी तरह से अवैध है। संघ ने हड़ताल की एक चिट्ठी दी है। लेकिन, संघ के किसी पदाधिकारी से इस संबंध में उनकी कोई वार्ता नहीं हुई है। संघ को कर्मियों का कितना समर्थन मिलता है, इसका पता सोमवार को ही चलेगा। दैनिककर्मियों को काम के बदले ही भुगतान होता है। अगर वे काम पर नहीं आएंगे तो उनको भुगतान भी नहीं होगा। शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित नहीं हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। इधर, शहर में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप चल रहा है। ऐसे में हड़ताल होने से स्थिति और बिगड़ेगी।
पटना नगर निगम के कर्मचारियों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए निगम के दो कर्मचारी यूनियनों में होड़ मची है। चंद्रप्रकाश सिंह के पटना नगर निगम स्टाफ यूनियन को अब ¨बदेश्वरी सिंह और नंदकिशोर दास पटना नगर निगम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ से चुनौती मिल रही है। दोनों यूनियन दावा कर रहे हैं वे कर्मियों के ज्यादा हितैषी हैं। इसके लिए दोनों यूनियनों ने दो वर्षों में कई बार हड़ताल की धमकी दी। दो-तीन दिन हड़ताल भी की गई। इससे कर्मियों को कोई फायदा नहीं हुआ, उल्टे शहर की सफाई बाधित हुई। नंदकिशोर गुट 37 सूत्री मांगों को लेकर निगम प्रशासन पर लगातार दबाव बना रहा है, जबकि चंद्रप्रकाश गुट 17 सूत्री मांगों को लेकर। मांगें नहीं माने जाने पर नंदकिशोर गुट ने 13 से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। चंद्रप्रकाश गुट ने भी 16 से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का ऐलान किया है। चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि देखनेवाली बात होगी कि नंदकिशोर गुट कितनी मांगें मनवा पाता है।
ये हैं महत्वपूर्ण मांगें
- ’आजीवन पारिवारिक पेंशन लागू करें’
- दैनिक मजदूरों का न्यूनतम वेतन 381 रुपये प्रतिदिन हो’
- कर्मियों के लिए केंद्र सरकार से अनुमोदित न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये करें’ नियमित कर्मियों के लिए पुर्नीक्षित वेतनामन लागू हो’
- हर महीने के 5 तारीख तक वेतन का भुगतान हो ’
- ईपीएफ कटौती की जानकारी मिले ’
- दैनिक कर्मचारियों को नियमित किया जाए’
- ग्रुप सी और ग्रुप डी के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाए ’
- सफाईकर्मियों को सुरक्षा और सही ड्रेस उपलब्ध कराया जाए
हड़ताल के लिए पूरी तरह से नगर निगम प्रशासन जिम्मेवार है। अगर पहले हुए समझौते में से तत्काल पांच मांगें पूरी कर दी जाती हैं तो हड़ताल स्थगित कर दी जाएगी। -नंदकिशोर दास, महासचिव, संघ