देश के निजी अस्पतालों का आचरण कुछ ऐसा हो गया है कि अगर उनके मेडिकल बिल पर एक किताब छापी जाए, तो उसका शीर्षक होगा, कुछ ही दिन में करोड़पति
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भारत के दलबीर सिंह भंडारी, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी आईसीजे में न्यायाधीश चुने गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी संस्था आईसीजे की स्थापना 1946 में हुई थी। आईसीजे
भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सकारात्मक मोहर लगाई है। 13 वर्षों बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह रेटिंग बढ़ाई गई है। अब सवाल यह है कि
हमारे देश में अगर कोई किसी की हत्या या आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाये तो देर सवेरे ऐसे लोगों को सजा मिल जाती है। लेकिन लोगों की प्रदूषण से
देश में कारोबारी सुगमता यानी ‘इज ऑफ डूइंग’ बिजनेस रैंकिंग में भारत ने 30 स्थानों की जबरदस्त छलांग लगाते हुए, 100 वें स्थान पर अपनी जगह बनाई है। आसानी से
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उत्तर कोरिया की तरफ से लगातार परमाणु हमले और परमाणु परीक्षण की धमकी अमेरिका और उसके सीमावर्तीयों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। इस वक्त पूरी दुनिया की नजर उत्तर
क्या भारत में सिर्फ जज, मजिस्ट्रेट, अफसर, सांसद, विधायकों, के खिलाफ ही झूठी FIR होती है? क्या आम लोगों के खिलाफ झूठी FIR नहीं हो सकती है? ऐसे में किसी
भारत में हर वर्ष होने वाली लगभग 11 लाख लोगों की मौत का कारण आतंकवादी हमले या कैंसर जैसी बीमारी नहीं है। बल्कि यह आंकड़ा सिर्फ प्रदूषित वायु में सांस