भारतीय किसानों द्वारा नए कृषि अध्यादेशों को केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए जाने की मांग को लेकर चलाया जाने वाला आंदोलन कंपकपाती ठण्ड व शीत ऋतु की बारिश झेलता हुआ
भारतीय किसानों द्वारा नए कृषि अध्यादेशों को केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए जाने की मांग को लेकर चलाया जाने वाला आंदोलन कंपकपाती ठण्ड व शीत ऋतु की बारिश झेलता हुआ
केंद्र सरकार द्वारा जब से नये कृषि क़ानून बनाए गए हैं तभी से देश के अधिकांश किसान संगठन इन क़ानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। 26-27-28 नवंबर को किसानों
देश का सबसे बड़ा व सबसे पवित्र त्यौहार दीपावली आगामी 14 नवंबर को मनाया जा रहा है। दीपावली की गिनती उस सर्वप्रमुख त्यौहार में होती है जो देश की अर्थव्यवस्था
राजनैतिक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप तो हमेशा से ही करते रहे हैं। अपने को जनहितैषी बताना तथा मतदातों को यह समझाना कि जनता व देश का हित केवल
वर्तमान सरकारों द्वारा किये जाने वाले दावों और ढिंढोरों पर यदि विश्वास करें तो एक बार तो ऐसा लगेगा गोया देश को स्वतंत्रता ही अभी चंद वर्षों पूर्व ही मिली
कोरोना महामारी, शताब्दी की सबसे बड़ी एवं प्रलयकारी समस्या के रूप में पूरे विश्व में उथल पुथल मचाए हुए है।आर्थिक,राजनैतिक,सामाजिक,धार्मिक,साहित्यिक, खेल कूद,मनोरंजन आदि कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसे
देश के इतिहास में तेल को लेकर कई कीर्तिमान नए स्थापित हुए हैं। एक तो यह कि डीज़ल की क़ीमत कभी भी पेट्रोल से अधिक नहीं हुई परन्तु पिछले दिनों
आधारभूत सुविधाओं के नाम पर देश के सबसे पिछड़े राज्यों में गिना जाने वाला राज्य, बिहार पिछले एक दशक से स्वयं को ‘बीमारू’ राज्यों की सूची से बाहर निकालने की
इतिहास में पहली बार कोरोना वायरस के चलते विश्व के सामने सबसे बड़ा संकट छाया हुआ है। जब तक इस लाईलाज महामारी का कोई सटीक ईलाज नहीं निकल आता तब
कोरोना वायरस अर्थात कोविड-19 से होने वाली भारी विश्वव्यापी जनहानि के अतिरिक्त इसकी की भयावहता से जुड़े कई ऐसे समाचार आने शुरू हो चुके हैं जिनसे इस संदेह को बल
जब भी हमारे देश भारतवर्ष में अथवा मृत्यु दंड देने वाले किसी भी देश में किसी व्यक्तिअपराधी को मृत्यु दंड दिए जाने की ख़बर सुनाई देती है उसी ख़बर के
भारतीय इतिहास वैसे तो शौर्य और करुणा के अनेकानेक इतहासों से पटा पड़ा है। ऐसी सैकड़ों गाथाएं हैं जो हमें यह बताती हैं की किस तरह सत्य की राह पर
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत लगभग एक वर्ष तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ से चले आ रहे मतभेदों व विवादों को बहाना बनाते हुए आख़िरकार कांग्रेस पार्टी
राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों बड़े पैमाने पर हुई साम्प्रदायिक हिंसा की गूँज पिछले दिनों देश की लोकसभा व राज्य सभा में भी सुनाई दी। विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा
देश की राजधानी दिल्ली आख़िरकार अशांत हो ही गयी। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाक़े हिंसा की भेंट चढ़ गए। इस साम्प्रदायिक हिंसा में अब तक भारत माता के ही 13 सपूत
महात्मा बुध से लेकर महात्मा गाँधी जैसे महापुरुषों की कर्मस्थली रहा देश का प्राचीन समय का सबसे समृद्ध राज्य बिहार गत 15 वर्षों में हुए अनेक मूलभूत विकास कार्यों के
हमारा देश विशेषकर राजनैतिक,आर्थिक तथा सामाजिक क्षेत्र में इस समय संकट व अनिश्चितता के दौर से गुज़र रहा है इस का उल्लेख अनेक आलोचकों व संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा
इन दिनों पूरे देश में एक अजीब क़िस्म का उन्माद छाया हुआ दिखाई दे रहा है। जिन युवाओं पर अपने भविष्य को उज्जवल बनाने का ज़िम्मा है देश के वही
कभी विश्व को मार्ग दर्शन देने जैसा स्वर्णिम अतीत रखने वाले हमारे देश में इन दिनों कथित ‘मार्ग दर्शकों ‘ द्वारा ही देश व भारतीय समाज को विभाजित करने के
1947 में हुए भारत-पाक विभाजन के पश्चात् पंजाब के पश्चिमी हिस्से के पाकिस्तान में चले जाने तथा पश्चिमी पंजाब से पूर्वी पंजाब अर्थात भारत की तरफ़ आने वाले हिंदू व
अभी देश गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में हुई उस त्रासदी को भूला नहीं है जबकि वर्ष 2017 में इसी अस्पताल में इंसेफ़ेलाइटिस की बीमारी की वजह से अगस्त