विजय न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एक देश की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति उस देश के शिक्षा के गुणवत्ता स्तर एवं व्यवहारिक जीवन शैली पर निर्भर करती है। इसलिए बच्चों के शैक्षणिक विकास के साथ- साथ यह आवश्यक हो जाता है कि उन्हें व्यवहारिक ज्ञान भी दिया जाये जिसमें माता पिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अभिभावकों को उनके कर्तव्यों क प्रति जागरूक करने हेतु मंथन संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा समय- समय पर अभिभावक- शिक्षक बैठक का आयोजन किया जाता हैI इसी श्रृंखला में फरवरी माह में दिल्ली स्थित केन्द्रों में वार्षिक परीक्षा से पूर्व “शिक्षक एवं अभिभावक बैठक” का आयोजन किया गया I
मंथन- संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का एक सामाजिक प्रकल्प है जिसके अंतर्गत अभावग्रस्त वर्ग के बच्चों को निशुल्क एवं मूल्याधारित शिक्षा प्रदान करने के साथ- साथ उनका शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक विकास कर उनके संपूर्ण व्यक्तित्व को निखारा जाता है I
अक्सरां हम देखते हैं कि बच्चे विद्यालय में जो कुछ भी सीखते हैं घर पर ठीक उसके विपरीत वातावरण ही देखने को मिलता है। घर में भी बच्चों को यदि अनुकूल वातावरण मिले तो उनके सीखने-समझने की क्षमता बढ़ जाती हैI इसलिए शिक्षक एवं अभिभावक बैठक में अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कुछ उपाए सुझाए जिससें वे बच्चों को घर में भी एक शिक्षा का वातावरण दें सके जैसें बच्चों को ख़ुद से बैठकर पढ़ने का समय देना, बच्चों को खेल के लिए पर्याप्त समय देना, बच्चों को एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करना आदि। पढाई के साथ ही अभिभावकों को उनके सहयोग के क्षेत्रों जिनमें वे अपने बच्चों को प्रोत्साहन दे सकते हैं- जैसे स्वच्छता, अनुशासन, समय-पाबंदी, नियमितता, आदि व्यवहारिक ज्ञान को बच्चों में कैसे रोपित किया जाये इसके लिए शिक्षकों ने अभिभावकों को कुछ युक्तियाँ सुझायीं। इसके लिए शिक्षकों ने कुछ रोचक गतिविधियां भी आयोजित की।
अभिभावकों ने भी अपने कर्तव्यों को समझते हुए बच्चों के विकास में अपना पूर्ण योगदान देने हेतु दृढ़-संकल्प लियाI अंत में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व संचालक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी को नमन अर्पित करते हुए बैठक का समापन किया गयाI