नई दिल्ली। आयकर विभाग अब तक 1,833 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों को जब्त कर चुका है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि विभाग बेनामी संपत्ति रखने वालों के खिलाफ अपनी कठोर कार्रवाई जारी रखेगा। इसे कतई बंद नहीं किया जाएगा। चंद्रा ने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यह जांच खत्म नहीं होगी।
हम सभी स्थानों से ऐसी संपत्तियों से संबंधित अधिक से अधिक डाटा और जानकारी हासिल करने में जुटे हैं। ऐसे मामलों और संपत्ति की पहचान करके सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’
इस साल अक्टूबर तक के आंकड़े बताते हैं कि विभाग ने 1,833 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की गई है। इसके लिए विभाग ने 517 नोटिस जारी किए और 541 अटैचमेंट किए।
अहमदाबाद क्षेत्र में अधिकतम 136 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद भोपाल (93), कर्नाटक और गोवा (76), चेन्नई (72), जयपुर (62), मुंबई (61) और दिल्ली (55) का नंबर है।
हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेनामी संपत्तियों पर लगातार कार्रवाई का संकेत दे चुके हैं। प्रधानमंत्री ने बीते साल आठ नवंबर को नोटबंदी का एलान किया था।
इसके तहत 500 और 1000 रुपये के नोट लिए गए। इस दौरान आयकर विभाग ने लोगों को चेतावनी दी थी कि वे किसी और के नोट अपने बैंक खाते में जमा नहीं करें। अगर ऐसा किया गया तो बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून 1988 के तहत चल-अचल संपत्ति के मामलों में आपराधिक मुकदमा शुरू किया जाएगा। आयकर विभाग देश में बेनामी कानून लागू करने वाली नोडल एजेंसी है।
विभाग ने पिछले साल एक नवंबर से नए बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम 2016 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस कानून में अधिकतम सात साल की जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।